जैसलमेर का इतिहास १६६ महारावल जैसल भाटी २७
::१६६ महारावल जैसल भाटी २७ :: महारावल जैसल विक्रमी संवत १२०९ को लुद्रवे के सिंहासन पर विराजमान हुए । इनके विवाह १ गढ़ पा…
::१६६ महारावल जैसल भाटी २७ :: महारावल जैसल विक्रमी संवत १२०९ को लुद्रवे के सिंहासन पर विराजमान हुए । इनके विवाह १ गढ़ पा…
::१६५ महारावल भोज भाटी २६ :: महारावल भोजदे विक्रमी संवत १२०४ लुद्रवा के सिंहासन पर विराजे । इनका विवाह गढ़ पाटन के सोलंक…
:: लधड़ भाटी ३९ :: महारावल राजपाल के ग्यारहवे पुत्र लधड़ के वंशज लधड़ भाटी कहलाये । ::१६४ महारावल विजेराज भाटी २५ :: …
::महारावल राजपाल भाटी २४ :: महारावल दूसा के स्वर्गवास के बाद उनका पुत्र राजपाल सिंहासन पर विराजे । महारावल राजपाल के बार…
:: पाहू भाटी २७ :: महारावल बाछुजी के पुत्र बपेराव के वंशज पाहू भाटी कहलाये । इनके गाँव जैसलमेर जिले के फतेहगढ़ तहसील म…
:: धीना भाटी २३ :: महारावल मंध जी के पुत्र धीना के वंशज धीना भाटी कहलाये । :: १६१ महारावल बाछुजी ( भाटी २२ ):: …
:: छैना भाटी :: महारावल देरावर के दुसरे पुत्र छैना के पुत्र छैना भाटी कहलाये । इनका एक घर डाबला में निवास करता है । …
:: महारावल महारावल देरावर गादी विराजे तब नीचे लिखे अनुसार दान दिया :: करोड़ एक पैंसठ लाख पसाव दीधा रीझै भाटी राव रीझै भा…
:: भाटियों री ओपमा :: हेवर छिनु हजार बाधिये देरावर । कुंजर बीस पचास चले दल माही पटाधर आठ लाख । मलवुट सोलह सहस्…
:: भटिंडा पर पुनः अधिपत्य :: महारावाल देरावर ने भटिंडा में राज्य जमाकर अपने पिता के राज्य को भी पुनः प्राप्त किया । …
:: 159 महारावल देरावर (भाटी 20):: महारावल देरावर का जन्म संवत 892 विक्रमी वैसाख सुदी 14 वार अदित्वार रोहिणी नक्षत्र मे…
::विजय राज और परमारों का युद्ध :: विजय राज पर परमार वंश के नो राजाओ ने मिलकर आक्रमण किया । घमासान युद्ध हुआ । युद्ध मे…
::विजयराज चुड़ाला भाटी 19 :: महाराजा तनुराव ने अपनी मोजुदगी में ही राज्य का उतराधिकार युवराज विजयराज को कर दिया था । विज…
:: राव तनुराव (भाटी 18 ):: राव तनुराव गढ़ तनोट के सिंहासन पर विक्रमी संवत 862 को विराजे । इनके 15 रानिया थी । इनका विवाह…
पंडित हरिदत के अनुसार भाटिया महाजन के 7 गोत्र जो अनेक उपसखाये रही जो निमं प्रकार है 1 परासर गोत्र 1 राय गाजरिया 2 राय प…
::किरोहर गढ़ का निर्माण :: राव केहर ने अपने नाम से संवत 827 विकर्मी जेठ वदी 5 को किरोहर गढ़ का निर्माण करवाया । :: तनो…
::155 राव मंझमराव (भाटी 16):: राव मंझमराव गढ़ मारोट के सिंहासन पर विक्रमी संवत 786 में विराजे । इनके विवाह राव दोहट झाला…
::राव मूलराज प्रथम (भाटी 14):: राव मूलराज प्रथम गढ़ मरोठ के सिंहासन पर संवत 713 विक्रमी को आसीन हुए । इनका विवाह द्रोनप…
::150 राव मंडमराव (भाटी 11):: राव मंडमराव संवत 616 में गढ़ मारोट के सिंहासन पर बैठे । इनका विवाह पंवार राव दूसाजी की पु…
::राजा रेणसी (भाटी 8):: लोमनराव का भाई रेणसी अपना राज्य चिन्ह मेघाडम्बर तथा आदि नारायण की मूर्ती को लेकर जंगलो में भाग …
:: 146 गजू द्वारा गजनी पर पुनः अधिपत्य (भाटी 7):: गजू ने अपने प्रेतक राज्य को अपने हस्तगत कर साही सेना की सहायता से गजन…
::144 महाराज खेमकरण ( भाटी 5):: महाराजा खेमकरण संवत 454 विक्रमी को गढ़ भटनेर के सिंहासन पर बेठे । इनका विवाह गढ़ पूगल के…
:: अन्तेराव भाटी (भाटी २):: महाराजा भूपत के तृत्या पुत्र अन्तेराव के वंशज अन्तेराव भाटी कहलाये ।। :: महाराजा भीम भाटी…