राव तनुराव {भाटी 18} इन्होने ही मातेश्वरी तनोट राय का मन्दिर बनवाया था इनके पुत्र विजयराज से भाटी वंश चला बाकि सभी अपने कार्यंनुसार 16

:: राव तनुराव (भाटी 18 )::

राव तनुराव गढ़ तनोट के सिंहासन पर विक्रमी संवत 862 को विराजे । इनके 15 रानिया थी । इनका विवाह गढ़ जांझे के सोलंकी राव उदियादित की पुत्री भोजकंवर । गढ़ चितोड़ के गेहलोत राव भलोगदीत की पुत्री फुलकंवर से हुआ । इनके पुत्र 1 विजेराज चुडालो 2 भटड 3 चांडक 4 डागा 5 हाँसा 6 खड्लिया 7 आल 8 गांगल 9 भीम 10 माकड़ 11 सलून 12 कुलरिया 13 अभेरिया 14 सारंग 15 मुड 16 मलखट 17 अणखिया नामक 17 पुत्र हुए

:: भटड़ महाजन ::
भटड़  के पुत्र महाजन कहलाये
:: चांडक माहेश्वरी ::
चांडक के पुत्र चांडक माहेश्वरी कहलाये


:; डागा माहेश्वरी ::
डागा के पुत्र डागा माहेश्वरी कहलाये
:: हाँसा महाजन ::
हाँसा के पुत्र हाँसा महाजन कहलाये
:: खड्लिया महाजन ::
खड्लिया के पुत्र खड्लिया महाजन कहलाये
:: आलराइका ::
आल के वंशज आलराइका   हुए
:: गांगल राइका ::
गांगल के वंशज गांल राइका हुए

भीम राइका :: इनके वंशज राइका भीम कहलाये
माकड़ सुथार :: इनके वंशज मांकड़ सुथार कहलाये
सलून सुथार :: इनके वंशज सलून सुथार कहलाये
कुलरिया सुथार :: इनके वंशज कुलरिया सुथार कहलाये
अभोरिया खवाश :: अभोरिया के वंशज अभोरिया खवास कहलाये
सारंग जाट :: सारंग के वंशज सारंग जाट कहलाये
मुड जाट :: इनके वंशज मूड जाट कहलाये
मलखट भील : इनके वंशज मलखट भील कहलाये
अणखिया मेघवाल :: अणखिया मेघवाल हुए

विजय राज को छोड़कर सारे दूसरी जाती में चले गए   भील , जाट  खवास , मेघवाल , सुथार रायका , माहेश्वरी , महाजन 16 पुत्रो ने यही जातिया अपनाई.

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