१६१ महारावल बाछुजी ( भाटी २२ ) sigrav bhati andha bhati or mul pasav bhati

:: धीना भाटी २३ ::

महारावल मंध जी के पुत्र धीना के वंशज धीना भाटी कहलाये ।

 :: १६१ महारावल बाछुजी ( भाटी २२ )::

महारावल बाछुजी संवत १०३५ के श्रावण कृष्णा 1२ शनिवार लुदरवा के सिंहासन पर विराजे । इनका विवाह गढ़ पाटन के सोलंकी राजा बल्भसेन की पुत्री १ राजकंवर २ पूवार के पड़िहार राणा बीसल की पुत्री जाम कँवर गढ़ सिरोही के देवड़ा राव नाढा की पुत्री पेपकंवर अमरकोट के सोढा राणा नरबद की पुत्री बलेकँवर । इनके पुत्र १ दुसा २ सिगराव ३ अणधा ४ मूल पसाव ५ पाहू ६ भीया ७ पबणासुर । पुत्रिया सूरजबाई राजबाई चितोड़ परनाइ । महारावल बड़े प्रतापी राजा हुए ।
:: करीम खां बलोच से युद्ध ::

महारावल बाछुजी ने एक ब्राह्मण द्वारा करीमखां बलोच के अत्याचारों को सुना और खडाल प्रदेश में जाकर उसको पांच सो साथियों सहित मारा । और ब्राह्मणों को निर्भय कर दिया ।

:: सिगराव भाटी २४ ::

महारावल बाछुजी के पुत्र सिगराव के वंशज सिगराव भाटी कहलाये । कुमार सिगराव का विवाह खेड़ के राणा प्रताप सिंह गोहिल की पुत्री से हुआ । इन्होने रोहड़ी से २४ km. दूर सिह रोड़ का गढ़ बनवाया और नगर बसाया । इस समबन्ध में मुसलमान शहीदों को 24 गाँव दिए । सिगराव के पुत्र सचाराव , भोलाराव , रतन और गज थे । सातल सिगराव केलण  के प्रथम प्रधान थे । उनकी समझदार रायमान कर केलण आसिण कोट ( देवीकोट ) से विक्रमपुर गए । इस समय डेली , मोतीगढ़ , मकेरी , सियासर , पंच कोसा , लदद़ासर , रामड़ा गाँव बस गए । प्रेम सिंह सिगराव ने राव राम सिंह के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए । रणजीत सिंह और करण सिंह को सुरक्षित जैसलमेर ले गए ।
::  अणधा भाटी २५ ::

अणधा महारावल के पुत्र के वंशज अणधा भाटी कहलाये । सागाणा गाँव बसाया । और उसके अलावा ढेलाणा , ,बस्तावा ,सामराउ,देवातू , ,ओसियन,मेपा ,गिलाकोर आदी जगह निवास करते हे | अभी अणगा नाम से जाने जाते हे
:: मूल पसाव भाटी २६ ::

महारावल बाछुजी के पुत्र मूल पसाव के वंशज मूल पसाव भाटी कहलाये । इनके गाँव जैसलमेर में खुहड़ी , धोबा , जेठ्वाई है ।


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