तनोट गढ़ का निर्माण राव केहर द्वारा और भाटिया बनिया

::किरोहर गढ़ का निर्माण ::

राव केहर ने अपने नाम से संवत 827 विकर्मी जेठ वदी 5 को किरोहर गढ़ का निर्माण करवाया ।

:: तनोट गढ़ का निर्माण ::

केहर ने अपने पुत्र तनुराव के नाम से संवत 827 आषाढ वदी 5 विक्रमी को तनोट गढ़ का निर्माण करवाया ।

:: तनोटिया के मंदिर का निर्माण ::

राव केहर ने विक्रमी संवत 827 माघ सुदी 15 भोमवार पुष्प नक्षत्र में तनोटिया के मंदिर का निर्माण करवाया । राव केहर एक दिन शिकार से लोट रहे थे उस समय चन्ना जाती राजपूतो के अचानक आक्रमण करने से शहीद हो गए । केहर ने 30 वर्ष राज्य किया ।
 :: भाटिया महाजन ::

राव केहर ( प्रथम ) के छोटे पुत्र जाम के वंशज भाटिया कहलाये । यवनों की त्रासदी के कारन जाम के वंशजो ने उनसे प्रतिरोध करना छोड़ दिया और अपना ध्यान व्यापार और व्यवसाय इत्यादि में लगाकर बनियों की श्रेणी में आ गए । इन्होने पहले भावलपुर , मुल्तान और पंजाब में रहकर अपना व्यवसाय किया । अन्तर अनेक भाटिया मुंबई और कच्छ -भुज्ज सिंध और सोराष्ट्र में चले गए ।


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