गजनी पर पुनः अधिपत्य राजा १४६ राजा गजू (भाटी ७)

:: 146 गजू द्वारा गजनी पर पुनः अधिपत्य (भाटी 7)::

गजू ने अपने प्रेतक राज्य को अपने हस्तगत कर साही सेना की सहायता से गजनी पर पुनः अधिपत्य कर लिया । इनके इस कार्य से बुखार का बादशाह नाराज हो गया । परन्तु गजू के आगे उसका वश नहीं चला । महाराजा गजू के पुत्र 1 लोबद्राव 2 सारंगदेव 3 रेनसी 4 मेहराज थे ।

:: लाहोर पर गजू और ईरान तथा खुरासान के बादशाह का युद्ध ::

बुखारा का बादशाह गजू पर पहले से ही नाराज था । परन्तु बज्जू के पुत्र झंडू ने उसकी शहजादी को ब्लात्हरण करके बुखाराधिपति की क्रोधाग्नि को और प्रज्वलित कर दिया । बदला लेने के लिए ईरान और खुरासन की सम्मिलित सेना लेकर लाहोर पर चढ़ आया । दोनों और से महायुद्ध हुआ । इसके फलस्वरूप पंजाब प्रदेश के मुख्या -मुख्या स्थान मुसलमानों के हाथ चले गए । लोमानराव व् उसका चचेरा भाई झंडू सकुटुम्ब इस युद्ध में काम आए । यह युद्ध पांचो गढ़ो पर हुआ । सात वर्ष घेरो रयो । राजा गजू तो गढ़ गजनी साको कियो । तीन लाख लोक के साथ काम आये । कुंवर लोमनराव पांच लाख फोज के साथ लाहोर में सहीद हुए । राजा मूलराज मथुरा में दो लाख सेना के साथ शहीद हुए । राजा झंडू तीन लाख  सेना के साथ हंसार में शहीद हुए । राजा जग्स्वाप मांडणोत चार लाख सेना के साथ भटनेर में शहीद हुए । सतरे लाख भाटी काम आयी । पंजाब देश संवत 535 विक्रमी में छुट गया । 32 लाख मुस्लमान सेना मारी गयी । मुस्लमान सेना मथुरा बयाना के यादवो गजनी चकता मुसलमानों को दूजो देश टांको ने पडिहारो बराहों झालों ने बाँट दिनो.


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