१६० महारावल मघजी ( भाटी २१) द्वारा अपने पिता का वैर

:: छैना भाटी ::

महारावल देरावर के दुसरे पुत्र छैना के पुत्र छैना भाटी कहलाये । इनका एक घर डाबला में निवास करता है ।

:: १६० महारावल मघजी ( भाटी २ )::

महारावल मघजी लुदरवा के सिंहासन पर संवत १०३० विक्रमी को विराजे । इनके १० रानिया थी । इनका विवाह पंवार राव गजन की बेटी हंसवती । गढ़ जालोर के राव वीसल सोनगरा की पुत्री पटन के राव भाण  चावड़ा की पुत्री राजकुंवर । राजा साजन सोलंकी की पुत्री सिरेकंवर । राणा मेहराना सोढा की पुत्री विलेकंवर गढ़ चितोड़ के सिसोदिया राजा अलसीजी की पुत्री रामकंवर । राव भाण चौहान की पुत्री मालकँवर । गढ़ जूना के पंवार सातल की पुत्री रंग कँवर । खेड़ के राव कल्याण गोयल की पुत्री । पंवार राव धारू की पुत्री हेमकंवर से हुए । इनके पुत्र १ बाछु २ धीना थे । महारावल मघजी ने चानिया बलोचो को मार कर अपने पिता का वेर लिया हमीर झाला को पकड़ टावरी मुहता किया ।
:: छ्पय ::

समत दस सो तीस वरन ऊपर पा जसिया ।
 माह सुदी तिथ बीज वार गुरु ते घर बसिया ।
मिले प्रजा उमराव तिलक शिर मुंध के कीनो ।
बैठो पाट भूपाल राज पिरघर वो दीनो ।
लुदरवपुर नगर उछब भयो सुबह मंगल कहावियो ।
देवराज पाट बेठो तखत रावल मुंध कहावियो ।


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