:: लधड़ भाटी ३९ ::
महारावल राजपाल के ग्यारहवे पुत्र लधड़ के वंशज लधड़ भाटी कहलाये ।
::१६४ महारावल विजेराज भाटी २५ ::
महारावल विजेराव लुद्र्वा के सिंहासन पर विक्रमी संवत ११९७ को बैठे इनका विवाह गढ़ धार के पुवार राजा तिलोकचंद की पुत्री रामकुंवर गढ़ चितोड़ के सिसोदिया रावल समरसी की पुत्री शिवकुंवर । गढ़ बाव के चौहान राणा जालणसी की पुत्री । चावड़ी राव लूण की पुत्री । जब महारावल विजेराज गादी विराजे तब उनके बड़े भाई जैसल उनके अनुचित व्यवहार से नाराज थे । वे उस समय कुछ नहीं कर सके और नगर थटा के बादशाह शाहबुधीन गौरी के पास जाकर रहने लगे । विजेराज का विवाह अन्हड़ बाड़ा सोलंकी सिद्ध राजा जय सिंह की पुत्री से हुआ जब तिलक करते समय कुमार विजेराज की सास ने कहा है पुत्र हमारे राज्य के उतरप्रदेश नवीन राजा हमारी जमीन हड़प रहे है । अतः उनसे आप हमारी रक्षा करे.
:: उतर भड़ किवाड़ भाटी ::
महारावल विजेराज ने उन राजाओ से जो उतर की और से उपद्रव करते थे । उनसे रक्षा की सोलंकी राज की । जिससे महारावल को उतर का भड़ किवाड़ भाटी की उपाधि से विभूषित किया गया । इनके पुत्र भोजदे सोलंकिया के भानेज थे । पंवार की पुत्री से १ राहड़ २ हटा ३ कटा ४ मेंणुग ५ मंगालिया थे ।
:: लांझा की पदवी ::
महारावल विजेराज का विवाह चितोड़ के रावल समरसि की पुत्री शिवकुंवर से हुआ तब पूरी बावड़ी कस्तूरी से भराई । साढ़े सात कोश तक की वनस्पति दुशालो से ओढाई जिसके कारण लांझा की पदवी प्राप्त हुई ।
:: हटा भाटी ४० ::
महारावल विजेराज के पुत्र हटा के वंशज हटा भाटी कहलाये । हटार गाँव बसाया जो पाकिस्तान बॉर्डर पर बाड़मेर जिले में पड़ता है ।
:: कटा भाटी ४१ ::
महारावल विजेराज के पुत्र कटा के वंशज कटा गभाटी कहलाये उन्होंने कटासर गाँव बसाया ।
:: मेंणुग भाटी ४२ ::
महारावल के पुत्र मेंणुग के वंशज मेंणुग भाटी कहलाये जो अब मुसलमान है ।
:: मंगलिया भाटी ::
विजेराज के पुत्र मंगलिया के वंशज मंगलिया भाटी कहलाये जो अब मुसलमान है मंगलिया जैसलमेर और बारमेर जिलो के कई गाँवो में रहते है ।
:: राहड़ भाटी १४४ ::
महारावल विजेराज के दुसरे पुत्र राहड़ के वंशज राहड़ भाटी कहलाये । राहड़ भाटी बीकानेर में भरेसर के समीप बेरसत और जसा तथा जैसलमेर जिले के रामगढ़ तहसील में रायमल , साधना , तेजपाल ,बड्डा नगो की ढाणी और कुछ घर मेरे गाँव तेजमालता में है ।