भाटियों दवारा कला व् साहित्य और संगीत

 :: भाटियों द्वारा कला व् साहित्य ::

जैसलमेर एक रेगिस्तानी इलाका होते हुए भी भाटियों ने कला और साहित्य को बड़ा प्रोत्साहन दिया इनके पेंट्रेनज में उनका विकास हुआ ।
:: चित्रकला ::

यहाँ चित्रकला का विकास भी हुआ । जोधपुर शैली का मिश्रण होकर यहाँ एक नई शैली का विकास हुआ । जिसे भाटी चित्र शैली या जैसलमेर चित्रशैली कहते है । जोधपुर कुछ भाटी चित्रकार बहुत बढ़िया हुए है जैसे दाना भाटी ये महाराजा मानसिंह के जोधपुर सेवा में था । इन दोनों का काफी काम घानेराव ठिकाने में मिलता है । तीसरा चित्रकार शिवदास भाटी था । भाटी चित्रकला की उचित रूप से खोज नहीं हुई है । जिससे इसका सही मूल्यांकन नहीं हो पाया है । किन्ही विशेष कारण से मध्य युग में चित्रकला जैसलमेर से लुप्त हो गई थी तथा यहाँ के चित्रकार भी जैसलमेर को छोड़कर चले गए थे उन्नीसवीं सदी के उतरार्द्ध में महारावल बेरीसाल ने चित्रकला को बड़ा प्रोत्साहन दिया । यहाँ पर कागज और लकड़ी की तख्तियों पर चित्र बनाने के अलावा भीति चित्र भी चित्रित किये गए । जैसलमेर हवा प्रोल पर रंग महल भीती चित्र बड़े ही सुन्दर है । जिनमे श्री कृष्णा लीला , गणगोर दशहरा , जुलूस आदि के अनेक चित्र है । इसी प्रकार पटुओं की हवेली में भी बड़े आकर्षक भीती चित्र है । जैसे :- हाथियों का दंगल , सूअर शिकार ,दानलीला , रागरागिनी युद्ध , आदि के भीती चित्र है । दीवान नथमल की हवेली में भी इस प्रकार , रासलीला , दही मंथन आदि के भीति चित्र है । जैसलमेर के चित्रों में आमतोर से हिरमिची लाल गहरा , हरा , पीला और नारंगी रंगों का प्रयोग अधिक हुआ है

 :: संगीत ::





इस प्रदेश में संगीत की एक राग ने बड़ा ही विकास किया । पहले उस भू - भाग का नाम माड़ प्रदेश था जिसके इस राग का नाम माड़ रखा गया । माड़ जितनी मीठी जैसलमेर इलाके के गायक गाते है उतनी मधुरता से दुसरे इलाकों के लोगो से नहीं गायी जा सकती । यहाँ की मंग्न्यार जाती ( जो पहले सोलंकी थे ) बाद में मुसलमान हो गए वे बढ़िया गायक है । व् गाने बजाने में विश्वविख्यात है । जिनमे से कुछ पुराने अर्स - पर्स पहुंचे हुए है जैसे साकर खान हमीरा और दपुखान भाडली  नए गायकों में ममे खान सत्तो ,स्वरुप खान बईया आदि । कुछ वाध्य यंत्रों का विकास भी यही हुआ है और अब भी उनको बजाने वाले जैसलमेर में ही है । जैसे :- मोर -चंग , खरताल , नड़ ,घड़ावादन आदि ।
लगातार ...................
जय श्री कृष्णा 
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