भाटियों द्वारा स्थापत्य कला

::  भाटियों द्वारा स्थापत्य कला ::

स्थापत्य कला में सबसे प्राचीन भटनेर ( हनुमानगढ़ ) गढ़ जैसलमेर के किले है । इनकी गणना चितोड़ के समान परम्परा गत पुराने गढ़ों से की जाती है । किले की मजबूती उनके बुर्जों से मानी जाती है । हनुमानगढ़ के ५२ भुर्ज है । जबकि जैसलमेर में ९९ भुर्ज है । जैसलमेर के गढ़ के दोहरा परकोटा है । सर्वोत प्रसाद जिसको महारावल अखेसिंह ने ९ १७२२ - १७६२ में बनवाया था । इसमें नीली चोकियाँ व् कांच का जड़ाऊ काम बहुत उतम व् कलात्मक है । जैसलमेर की इमारते पीले संगमरमर की बनी हुई है । जिनमे जालियों की कटाई बहुत सुन्दर तथा बड़ा बारीकी का काम  है । जैसलमेर में स्थापत्य की द्रष्टी से कुछ हवेलिया बहुत सुन्दर है । इनमे से पांच हवेलियाँ पटुओं की एक दीवान मेहता सालिम सिंह की हवेली व् एक दीवान नथमल जी की हवेली । हवेलियों के बारीक़ भाग में नक्काशी है । व् विविध कलाकृतिया से सजाई गई है । यह कई मंजिलों की है । कमरों की छत लकड़ी की बनी हुई है । जिन पर सोने की कलम का सुन्दर नाकारी का काम है । दीवान मेहता सालिमसिंह की हवेली व् दीवान नथमल की हवेलियाँ तख्सन कला व् स्थापत्य कला के अनुपम नमूने है । इनकी छते पत्थरों को खोद -खोद कर एक दुसरे से जोड़ा गया है । इनमे चुने का प्रयोग नहीं किया गया है । जैसलमेर में कुछ गाँव पालीवालों के थे । उनमे स्थापत्य कला व् सिनेट्री का सुनियोजित रूप से विकास हुआ है । ये गाँव सब सूने है । क्युकी दीवान सालिमसिंह ने पालीवालों के साथ ज्यादती की थी तब से वे एक ही रात 84 गाँव जैसलमेर जिले से  छोड़कर छोड़कर चले गए थे । मंदिरों की स्थापत्य कला से पुर्णत्या पर्भावित है । पार्श्वनाथ जी का मंदिर सबसे सुन्दर है । मंदिर पैलेस का बादल विलास बड़ी ही सुन्दर तथा श्री जवाहिर निवास , देवीलाल सोनी ,नखतमल चांडक जेठा पाड़ा , मगनीराम सादडा , देविनंदन सादड़ा पाड़ा , दीनदयाल सांवल ( गोयदानी खंधारी पाड़ा ) रावतमल सांवल के भाई की हवेलियाँ , गोरबंध पैलेस , हेरिटेज होटल , होटल ताज ग्रुप की इमारते , नारायण निवास पैलेस , जसवंत सिंह जसोल की होटल देखने लायक है । देवीलाल सोनी से जसवंत सिंह की होटल तक की सभी इमारते वर्तमान में बनी हुई है जो दर्शनीय है । जैसलमेर के आलावा लुदरवा का जैन मंदिर कला की द्रष्टि से बड़ा ही उत्कृष्ट है । इसका तोरण भी बड़ा सुन्दर है । यहाँ पांच पुखी शिवलिंग है । जैसलमेर पानी की कमी के कारण यहाँ के राजाओं ने अनेक तालाबों का निर्माण करवाया जैसे :- गडिसर , अमरसागर ,गजरूपसागर , गुलाबसागर , देदानगर , इत्यादि
लगातार .....................


जय श्री कृष्णा 
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