महारावल सालिभान
महारावल बैरिशाल जी के लघु भ्राता लाठी ठाकुर कुशालसिंह के पुत्र महारावल सालिभान संवत १९४७ वि.फागुन वदी 30 को जैसलमेर के राज्य सिंहासन पर विराजे | उस समय आपकी आयु ५ साल थी | महारावल सालिभान के समय राज कोष खाली था | राज्य पर कर्जा भी काफी था | राज्य कार्य वेस्टर्न राजपुताना स्टेट रेजिडेंट की देखरेख में राय बहादुर मेहता जगजीवन की अध्यक्षता में रीजेंसी कोंसील द्वारा होता था | परन्तु मेहता जगजीवन राम देश की रीति -रिवाज से वाकिफ नहीं था | अतः रीजेंसी में कार्य सुचारू रूप से नहीं होने के कारन प्रजा में असंतोष था |
ऐक दिन तोलाराम पडिहार ने मेहता जगजीवन पर तलवार से प्रहार किया | जिससे उसका सर फट गया और छः सात महिना खटिया पर पड़ा रहा | अंत में अपने देश कच्छ चला गया | इसके बाद भाटिया जाती के राव लखमीदास बेरिस्टर एटला को दीवान के पद पर नियुक्त किया | महारावल का प्रथम विवाह संवत १९६३ विक्रमी फाल्गुन शुक्ल ४ तारिख 16 फरवरी १९०७ ई को सिरोही नरेश महारावल केसरसिंह की कन्या से हुआ तथा दूसरा विवाह सं १९१३ ई को नवम्बर मॉस में धांगदड़ा ( काठयीवाड़) नरेश मानसिंह झाला की पुत्री के साथ हुआ | परन्तु इनके भी कोई संतान नहीं हुयी | इनके राज्य काल में उल्लेखनीय कोई घटना नहीं हुयी | महारावल युवा अवस्था में हि संवत १९७१ वि.को वैसाख वदी | शनिवार तारिख 11 अप्रेल ई को केवल तेरह वर्ष राज्य कर स्वर्गवासी हो गए |
महारावल दानसिंह भाटी 66 १८९१ ई.
महारावल सालीभान के लघु भ्राता दानसिंह संवत १९७१ वि.वैसाख वदी १ शनिवार 11 अप्रेल १९१४ ई. को जैसलमेर के राजसिंहासन पर विराजे | किन्तु गोद नशिनी के लिए काफी विवाद चला | अंत में ब्रिटिस गवरमेंट के निर्णय के अनुसार मूलराज के पुत्र जैतसिंह के पुत्र महासिंह के तथा महारावल तेजसिंह गजसिंह केसर सिंह के भाई देवीसिंह के पुत्र उम्मेदसिंह के बड़े पुत्र सरदारसिंह के छोटे पुत्र जवाहर सिंह को राज्य उतराधिकारी बनाया |
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