:: रामचंद्रोत भाटी 136 (हाडला )::
यह जागीर रावल भोमसिंह के पुत्रों बागसिंह और सूरजमल सिंह को मिली |
:: टोंकला ::
यह जागीर राव भोमसिंह के पुत्र सादुलसिंह को मिली महाराजा अजीतसिंह का विवाह देरावर की राजकुमारी मृगावती से हुआ था | रायसिंह के भाई पद्मसिंह 1741 ई.में जयपुर चले गए थे | जयपुर के महाराजा सवाई माधुसिंह प्रथम ने (1751-1761 ई.) ने पदमसिंह को गीजागढ़ की जागीरी प्रदान की थी | इसके पश्चात् जयपुर के महाराजा जगतसिंह (1803 -1818 ) ने गीजगढ़ के स्थान पर कानाना की जागीरी प्रदान की | महाराजा जयसिंह ने (सं.1818 -1835 इ.)ने इनके वंशजों को पानवाड़ा और करण सर की जागीरी प्रदान की | महाराजा जयसिंह ने सं.(1818 -1835 इ.) ने इनके वंशजों को पानवाड़ा और करन सर की जागीरे दी देरावरिया भाटी सुन्दरदास दल सहाय चार भुजा रावल रायसिंह की संताने है |
:: सन 1942 ई.राम्चंद्रोतों की जागीरी ::
1.गड़ीयाला रावल फतेहसिंह पुत्र रावल दीपसिंह पांच गाँव -ग़ड़ीयाला २.नोकोदेसर ३.कोलासर ४ गोमालिया ५ हाडला बड़ी व् छोटी |
२ छनेरी तीन गाँव ठा. मूलसिंह पुत्र भानीसिंह -१.छनेरी २.सीयाणावास ३.कुन्दा और साचा बीकोलाई
३.टोंकला विजयसिंह पुत्र कल्याणसिंह -टोंकला २ मोटासर ३.मंडाल रावलोतान
४.नांदड़ा लाखुसिंह पुत्र बागसिंह
५.परवा बहादुरसिंह पुत्र कानसिंह
६.कीतासर =मुकुन्दसिंह पुत्र नन्दसिंह
७.खारालोहा -जेठमालसिंह पुत्र बींजराजसिंह
रावल फतेहसिंह और उदयसिंह सज्जन पुरुष थे | तकले ठा .विजयसिंह ज्यादा तर जयपुर में रहते थे | हाडलों के भूरसिंह ,दौलत सिंह दानसिंह जानेमाने आदमी थे | ये सभी बीकानेर की सेवा में रहे | ठा. भूरसिंह के पुत्र इन्द्रसिंह राज्य के शिक्षा विभाग में कार्यरत है | हाडला के कप्तान धीरसिंह पहले बीकानेर राज्य में डूंगर लांसर में अधिकारी थे | बाद में राजस्थान में आर .ए सी उपअधीक्षक और कमांडेंट के पद पर रहे | अब सेना निवृत हो चुके है | छिनेरी के माधोसिंह ग्राम छिनेरी में अध्यापक है |
रामचंद्रोत भाटी
महारावल रामचंद्र
दलेलसिंह (देरावर )
पदमसिंह
विनसिंह
दौलतसिंह
शेरसिंह
गोयंददास
गिरधरदास (गिरधरसिंह )
केसरीसिंह (गोद)
धनेसिंह (गोद)
रामसिंह (वर्तमान )
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