गड़सीसर तालाब का निर्माण और उनड़ भाटी हाबुर वाले

 ::गड़सीसर तालाब का निर्माण::

महारावल गड़सी ने शहर के पूर्व में गड़सीसर नामक बड़े सरोवर का निर्माण कराया । वे प्रतिदिन घोड़े पर सवार होकर गड़सीसर का निरक्षण करने जाया करते थे । एक दिन वापिस लोटते समय जसोड़ के वंशज आसकरण ने महारावल पर आक्रमण कर उनका सिर धड़ से जुदा कर दिया और घोड़ा धड़ सहित दोड़ कर किले में पहुंचा । इस प्रकार महारावल की म्रत्यु सुन कर छोटी महारानी सती हो गयी और बड़ी महारानी उतराधिकार नियुक्त करने के लिए ठहर गयी । और महारावल मूलराज के पुत्र देवराज के पुत्र केहर को मंडोर से बुलवाया जो साके के समय उसकी माता के साथ मंडोर भेज दिया गया था । केहर जी को राजसिहासन पर बैठाकर गड़सी जी की बड़ी राणी भी सती हो गयी ।
:: छपय ::

जदुराय मारणों अभ जसोड़ भड़ आखे
जोवे घात विश्वास जेण विध लगे सो दाखे ।
 गो
ठ जीम सब उठे भड़ सरब घर चले ।
पुठ आये जब आसकरण लग काठ खड़ग सर पाडियो
वाजिये लोह रांजंद चले गड्मल रावल मारियो

:: उनड़ भाटी :

महारावल जेतसिंह १७९ के द्वतीय पुत्र रतनसिंह के दूसरे पुत्र कानड़ के प्रथम पुत्र उनड़ के वंशज उनड़ भाटी कहलाये ।  इनका  गाँव  जैसलमेर जिले में जैसलमेर से रामगढ़  रोड पर  सोनू से १० किलोमीटर की दुरी पर हाबूर स्थित है । 
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