99 maharaja venjas se 107 maharaja rohitas tak hi history

:: ९९ न महाराजा वेणजस ::

महाराजा जगसवाईत  के पुत्र वेणजस  लाहोर के सिंहासन पर विराजे इनका विवाह गढ़ सरसवा  के गहरवार राजा  जसपाल की पुत्री हंसवती से हुआ
:: १०० महाराजा देवजस ::

महाराजा वेणजस के पुत्र देवजस  लाहोर के सिंहासन पर विराजे इनका विवाह बंगाल के गोड़ राजा  धीर सेन की पुत्री सुरत्कंवर से हुआ  इनका वंश चला नहीं

:: १०१ महाराजा मूलराज [ प्रथम ]

महराजा जगसवाईत  के ९८ के त्रितय पुत्र काकलदेव के पोत्र मूलराज महाराज देवजस  १०० के गढ़ मथुरा के सिंहासन पर विराजे इनका विवाह पंजाब प्रदेश के राजा मदुबपाव की पुत्री रजकुंवर से हुआ

:: १०२ महाराजा रायदेव ::

महाराजा मूलराज के पुत्र रायदेव गढ़ मथुरा के सिंहासन पर विराजे इनके २७ रानिय थी इनका विवाह गढ़ कनोज के राठौर रजा सोमेसर की पुत्री सूरजकुंवर से हुआ पाटवी कुंवर सतोरव थे

::१०३ महाराजा सतोरव ::

महाराजा रायदेव के पुत्र सतोरव गढ़ लाहौर के सिंहासन पर विराजे इनका विवाह गढ़ पाटन के तुन्वर राजा जसपाल की पुत्री मेनवती के साथ हुआ इनके कुंवर कँवर पड़े में ही शांत हो गए वश चला नहीं तब महराजा जगासवाईत  के तृतीय पुत्र काकलदेव के प्रपोत्र देवनन्द राज्याधिकारी हुए वे अवधास के शासक तह और लाहोर गाड़ी बिराजे
:: १०४ महराजा देवनन्द :;

काकलदेव के प्रपोत्र देवनन्द गढ़ मथुरा के सिंहासन पर विराजे इनका विवाह जगनपुर के रघुवंसी राजा जगन की पुत्री प्रभावती से हुआ इन्होने लाहोर व अवधासगढ़ पर राज्य किया इनके पुत्र १ जगभूप २ उदेसेन ३ विरद्सेन ४ सतराव ५ सील थे
:; १०५ महाराजा जगभूपत ::

महाराजा जगभूपत महाराजा देवनन्द के पुत्र जगभूपत गढ़ मथुरा के सिंहासन पर विराजे इनका विवाह कठीर राजा उत्रजीत की पुत्री जसवनती से हुआ
:: १०६ महाराजा बुध:

महाराजा जगभूपत  के पुत्र बुध गढ़ मथुरा के सिंहासन पर विराजे इनका विवाह कनोज के राठौर दानेश्वर विरधसिध की पुत्री सुन्दरकँवर  से हुआ इनके पुत्र १ रोहितास २ सुगनजीत थे.

::  महाराजा रोहितास ::

महाराजा बुद्ध  के पुत्र रोहितास गढ़ मथुरा के सिंहासन पर विराजे इनके ६ रानिया  थी इनका विवाह गढ़ खंडार के राजा  रूघवंशी पालनदेव की पुत्री सुन्दरकँवर  से हुआ  कुंवर अन्तरसेन थे.


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