१७८ महारावल केहर (भाटी ३९ ) १३३४ ई . सोम भाटी 90 और केलण भाटी ९१

:: १७८ महारावल केहर ( भाटी ३९ ) १३३४ ::

महारावल गडसी के स्वर्गवास के बाद संवत १३९१ में राज उतराधिकारी केहर हि हुए | महाराज मूलराज १७४ के पुत्र देवराज के पुत्र जिन्हें मंडोर से बुलाकर महारावल गडसी की बड़ी रानी राज्य पर बिठाकर सतीहुयी थी | महारावल केहर के २१ रानिया थी | इनके सोढ़ी राना नोधन की पुत्री से विवाह किया | इनके पुत्र १ लखमन २ सोम ३ केलन ४ कलकन५ विजेराज ६ तेजसी ७ गोपालदास हुए | महारावल के त्रितय पुत्र केलण ने महारावल पुनपाल१७२ के जैसलमेर राजगादी से पदच्युत होने पर उनके पोत्र रणकदेव ने पुगल का राज्य स्थापित किया | उनके गोद गए और पुगल के राव कहलाये | राव केलण के राज्य का बहुत विस्तार हुआ | उस भाटी राज्य की सीमा सिंध प्रान्त में देरावर ,आसनी कोट ,किरोहर ,मथेला ,मारोट मुमण वाहन व् सिन्धु नदी का समस्त पशिच्मी भाग था | और पंजाब में गाढ़ा नदी तक था |
  
:: सोम भाटी  90 ::

महारावल केहर के पुत्र सोम के वंशज सोम भाटी कहलाये सोम के तेरह पुत्र थे | इनके गाँव बीकानेर जिले में गिरान्धी गाँव की जागीरी थी | '
:: केलण भाटी ९१  ::

महारावल केहर के पुत्र केलण के वंशज केलण भाटी कहलाये | १ विकर्मजीत केलण २ सेखा सरिया केलण , हरभाम केलण , नेतावत भाटी , भीमओत भाटी , किसनावत भाटी , खीया जेत्सिंघोत भाटी , खीया करनोत भाटी , खीया धनराजोत भाटी , बरसीघ भाटी , दुर्जनसालोत आदि इनके गाँव बीकानेर कोलायत तहसील में पुगल , बरसलपुर , विकामपुर के जागीदार है | बीकमपुर के बरसीघ तथा बरसलपुर के खीया भाटी हुए | बरसीघ भाटियों के गाँव विकमपुर, सात सिढो, नोख बावड़ी ,बाणासर  आदि.


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