जैसलमेर शहर का परिचय

:: जैसलमेर शहर का परिचय ::

जैसलमेर एक दुर्ग नगर के रूप में है । प्राचीन नगर सारा किले की चार दिवारी के भीतर स्थित है । तथा लुदरवा इसकी प्राचीन राजधानी है । जिसकी सभ्यता मोहनजोदड़ो की सभ्यता से मिलती जुलती थी । किवदंती अनुसार हूणों द्वारा तक्षशिला नष्ट किये जाने पर वहां के लोग आश्रय हेतु इसी नगरी में आये थे । जैसलमेर का किला त्रिभुजाकार पहाड़ी पर स्थित है । जिसमे लोग बसे हुए है । इस दुर्ग के ९९ भुर्ज है । किले के चारों और चार दिवारी बनी हुई है । उस दीवार पर बड़े -बड़े लम्बे व् गोल पत्थर रखे हुए थे । जो युद्ध में किले की दीवारों पर चढ़ने वाले शत्रुओ पर गिराए जाते थे । किले की चार प्रोल क्रमश हवा प्रोल , गणेश प्रोल ,सूरज प्रोल व अखे प्रोल है । दुर्ग स्थित वैष्णव मंदिर हवा प्रोल से बाहर निकलते ही खुसाल राज माहेश्वरी के मंदिर के पीछे यह भव्य टीकमराय जी का मंदिर बना हुआ है । इसमें यादवों के प्राचीन आदि नारायण देव की सर्वधात की मुर्तिया स्थापित है ।
                        
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