167 महारावल सालिवाहन द्वतीय भाटी २८ ( ११६७ ) और उनके पुत्र १६८ महारावल बीजल भाटी २९

::१६७  महारावल सालिवाहन द्वतीय भाटी २८ ( ११६७ ) ::

महारावल सालिवाहन जैसलमेर के सिंहासन पर संवत 1224 वि . भादवा सुदी ३ को विराजमान हुए । इनके रानिया ६ थी । इनका विवाह अमरकोट केसोढा राणा नागोदर की पुत्री विलेकंवर गुजरात के राव जांझन की पुत्री । राठोड़ राव धुअड की पुत्री भाण कँवर । गढ़ चितोड़ के सिसोदिया राणा जैसिंघ की पुत्री सूरजकँवर गढ़ धीणोदर के बाघेला राव पूजा की पुत्री सूरजकँवर  । सिरोही के देवड़ा राव मुहनसी की पुत्री  से हुए । इनके पुत्र १ बीजल दे २ सातल ३ हंस ४ चंद ५ आसधण ६ बदर थे । महारावल सालिवाहन ने काठी जाती के अधिपाती जग भानु का वध करके उसका धन छीन लिया.

:: यूनान के बादशाह सिकंदर को परास्त किया ::

महारावल ने आक्रमणकारी यूनान देश के सिकंदर बादशाह को परास्त किया ।

:: १६८ महारावल बीजल भाटी २९ ::

महारावल सालिवाहन जब सिरोही के राजा मान सिंह की कन्या से अपना दूसरा विवाह करने गए थे । तब पीछे उनका पुत्र बीजल दे गादी पर बेठ गया । जब सालिवाहन वापिस लोटे उन्हें कोरा जवाब दे दिया । तब सालिवाहन अपने पूर्व जो की राजधानी देरावर में रहने लगे । जहाँ उन पर खिजर खां बलोच ने ५०० सैनिको के साथ हमला किया । उस युद्ध में सालिवाहन अपने ३०० सेनिकों के साथ शहीद हुए

:: छ्पय ::

बारह सो चोबीस में सुद भादवा उजियारी ।
तिथि तीज गुरुवार अशुभ गृह वेला टारी ॥
शुभ गृह वेला होय छत्र सिर राजी धारियों ।
मिले तंत्र उमराह सालिवाहन रावल करियो ।
तेड़ाय नाथ सिर हाथ धर रावल भेष करिय ॥
दरबार जोध मंत्री मिलिय सिरतिलक राज धरिय ।
लगातार .

Previous Post Next Post