116 maraja jagmal se 120 maharaja narapaty sen tak

:: ११६ महाराजा जगमाल ::

महाराजा गुणपीपोजी के पुत्र जगमाल गढ़ लाहोर के सिंहासन पर विराजे इनका विवाह पंडीर राजा दुलेराज की पुत्री वीरज से हुआ इनके पुत्र १ भीमसेन २ जोगायत ३ खमाण  ४ खड़गसी  थे खड़गसी  के वंसज  जाट हुए पंजाब में निवास करते है महाराज जगमाल अपने धय भाई सतीदान को मथुरा का मुख्त्यार बनाकर स्वयं लाहोर में रहने लगे सतीदान ने बयाना के राजा ब्रिजपाल की पुत्री से विवाह कर लिया राजा  ने बहुत सारा धन दायजा दिया बहुत आदर दिया सतीदान जब वापिस मथुरा लोटा तब बहुत प्रसन हुआ महाराजा जगमाल का छोटा भाई भरतसेन मथुरा में था महाराजा जगमाल ने सतीदान को लाहोर बुला कर दण्डित किया तब सतीदान बयाना आया और के राजा  ब्रिजपाल बसंत पंचमी के दिन मथुरा पर आक्रमण करने के लिए लिखा की आप औ तो मथुरा हम आपको दे देंगे तब राजा  ब्रिजपाल ने मथुरा पर आक्रमण कर दिया महाराज जगमाल भाई भरतसेन २०० आदमियों के साथ शहीद हुए उधर ब्रिजपाल के ५० आदमी शहीद हुए मथुरा छूटी  बयाना का राजा ब्रिजपाल का वंश का पीढ़ी ३१ मथुरा पर राज्य कीनो
::११७ महाराजा भीमसेन ::


महाराजा जगमाल के पुत्र भीमसेन गढ़ लाहौर के सिंहासन पर विराजे इनके ६ रानिया थी इनका विवाह गढ़ पाबा के राठौर राजा लखान की पुत्री सुजाण से हुआ इनके पुत्र अरसिध थे उनके पुत्र जेतमाल थे

:; ११८ महाराजा तेजपाल ::

महाराजा भीमसेन के पुत्र अरसिध  के पुत्र तेजपाल गढ़ लाहौर के सिंहासन विराजमान हुए इनके २६ रानिया  थी इनका विवाह गढ़ आबू  के पंवार राजा  जगमाल की पुत्री सुगनवती  से हुआ इनके पुत्र १ भूपतसेन २ बुधसेन ३ मलेसी ४ खंगार थे महाराजा तेजपाल ने गढ़ लाहोर में भाट  साण  को क्रोड़ पसाव दिया

 :; महाराजाभूपत सेन

महाराज तेजपाल के पुत्र भूपतसेन गढ़ लाहोर के सिंहासन पर बेठे इनके ११ रानिया थी इनका विवाह गढ़ डेल्ही के तुन्वर राजा सोमतपल की पुत्री मेंणवती से से हुआ इनके पाटवी पुत्र नरपत सेन थे

::  १२० महाराजा नरपत सेन ::

महाराजा भूपतसेन के पुत्र नरपत सेन  लाहोर के सिंहासन पर विराजे इनके १८ रानिया थी इनका विवाह गढ़ आबू के पंवार  राजा उद्याजीत २५ की पुत्री से हुआ इनके ११ पुत्र थे १ चंद्रसेन २ वजेराज ३ घुअड  ४ मांडव ५ पुंज ६ आसल देव ७ वजेसुर 8सोमारथ  ९ कनक १० जालणसी ११ रतनसेन थे  रतनसेन बड़े प्रतापी राजा  थे.


Previous Post Next Post