भाटियो का स्वर्णिम इतिहास मथुरा ,और पंजाब के लाहोर पर आधिपत्य

 :: 67 महिपत ::
राजा महिपत का विवाह गढ़ चंदेल के राजा सूरसेन की कन्या से हुआ इनके १ मर्यदापति २ संतोक नामक पुत्र थे   |        
 :; ६८ मर्यद्पति ::
महिपत के पुत्र मर्यद्पति राज्य उतराधिकारी हुए इनके १८ रानिया थी गोहल राजा परम सेन की पुत्री हंसावती से विवाह हुआ इनके १ सवाई सेन २ रुकम्सेन नामक २ पुत्र थे राजा मर्यद्पति बड़ा प्रतापी राजा हुए 

 :: गजनी पर पुनः अधिपत्य ::      

 मर्यद्पति अत्यंत ही वीर थे उन्होंने एक लाख सेना के साथ गजनी पर आक्रमण करके उस पर अपना पुनः अधिपत्य जमाया

       :: पंजाब के गढ़ लाहोर पर अधिपत्य ::
 मर्यद्पति ने पंजाब के गढ़ लाहोर पर अपना अधिपत्य जमाया  

:: करोड़ पसाव का दान ::
     मर्यद्पति ने जेहल भाट को करोड़ पसाव दान दिया    
                                          
:: ६९ सवाई सेन  ::
   सवाई सेन अपने पिता के स्वर्गवास के बाद गढ़ मथुरा में सिंहासन पर बिराजे इनका विवाह गढ़ उज्जैन के पंवार राजा पुंज सेन की पुत्री से हुआ पाटवी कुंवर सूरसेन थे.

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