:: सांतसी भाटी 93 ::
महारावल केहर के पुत्र कलकण के पुत्र सांतसी के वंशज सांतसी भाटी कहलाये | इनके गाँव जैसलमेर में कोटड़ी व् फुलिया हे |
::: एपिया भाटी 94::
महारावल केहर के पुत्र विजय राव के वंशज एपिया भाटी कहलाये |
:: तेजसी भाटी 95 ::
महारावल केहर के पुत्र तेजसी के वंशज तेजसी भाटी हुए | इनका गाँव तेजसी जैसलमेर में हे |
:: गोपालदासोत भाटी 96 ::
महारावल केहर के पुत्र गोपालदास के वंशज गोपालदासोत भाटी ही हुए | इनका गाँव जैसलमेर जिले में नेड़ाई हे
:: 179 महारावल लखमण सिंह ( भाटी 40 ) 1395 ई .::
विक्रमी संवत 1452 को जैसलमेर के राजसिंहासन पर विराजमान हुए | इनके ८ रानिया थी | गढ़ अमरकोट के राणा राजपाल की पुत्री भीमकंवर सारंगपुर के बाघेला राव जसपाल की पुत्री नरबदे | गढ़ हलवद के जाला राजा नसल की पुत्री से विवाह हुए | इनके १ बेरसी २ रूपसी ३ रायधर ४ सादूल ५ एका नामक ५ पुत्र हुए | इनके ३ पुत्रिया १ राजबाई २ चंपा कँवर ३ मोतिकंवर थी | महारावल लखमण सिंह के राजत्व काल में मेड़ता का ऐक ब्राह्मण स्वयं प्रथ्वी से निकली हुयी ऐक लक्ष्मीनाथ की मूर्ती लेकर जैसलमेर आया | उस चमत्कारिक मूर्ती को संवत 1994 में किले में मंदिर बनवाकर स्थापित कि |
जय श्री कृष्णा लगातार