महारावल कालण १६९ ( भाटी ३० ) ११८९ ई . और जसोड़ भाटी और साजिता भाटी

:: महारावल कालण १६९ ( भाटी ३० ) ::

महारावल बीजलदे के स्वर्गवास के बाद राज्य के उचित राज्याधिकारी महारावल सालिवाहन १६७ के बड़े भाई कालण वीरमदे पाऊ प्रधान व् अन्य अमरावों की सर्व सम्मति से विक्रमी संवत १२४६ को जैसलमेर के सिंहासन पर विराजमान हुए । उस समय उनकी वृधावस्था थी । इनके विवाह गढ़ थिराद के बाघेला राव हंसराज की पुत्री भानकँवर गढ़ चितोड़ के राणा चौहान प्रथुमल की पुत्री अजब कँवर अमरकोट के सोढा राणा आसल जी की पुत्री रमा कुंवर खेड़ के गोहिल राव जेतमाल की पुत्री । चावड़ी राव दुदा की पुत्री सूरज कँवर पाटवी थी पाटवी कुंवर १ चाचगदेव २ पालण ३ आसराव ४ जेचंद थे । बाई १ रेण कँवर गंगा कँवर रामपुरे चन्द्रावतों ने परनाइ ।

 :: खिजर खां बलोच का खाड़ाल पर आक्रमण ::

महारावल कालण के राज्य काल में भी खिजर खां बालोच ने खाड़ाल प्रदेश पर आक्रमण किया । वृद्ध महारावल ने डटकर सामना किया और वीर भाटियों ने खिजर खां को उसकी सेना सहीत यमलोक भेज दिया । और उनके सारे लुट के धन को कालण जैसलमेर लाये । महारावल कालण ने १८ वर्ष ३ मास ७ दिन राज करके संवत १२६४ विक्रमी को स्वर्ग सिधारे ।

 :: जसोड़ ५० व् साजीता भाटी ५१  ::

महारावल कालण के पुत्र पालण के जसोड़ व् साजिता भाटी हुए । पालण के पुत्र जसोड़ पर शिव प्रसन्न हुए और वरदान दिया की छः पुत्र होंगे और एक पीढ़ी राज्य होगा । पालण के पुत्र :-  १ दूदा ( दुर्जनसाल ) २ तिलोक सिंह ३ सागीण ४  नांगण ५ श्री एक नि ६ नारायण दास थे । जसोड़ भाटी जैसलमेर के मुलाना , द्वाड़ा , रासला , डेलासर , धायसर ,  भादरिया , चांदन , सोडाकोर , मदासर , सान्वलों की ढाणी , बाणाड़ा , भीख सिंह की ढाणी में निवास करते है । भादरिया के सांग सिंह सांकडा पंचायत समिति के प्रधान पद पर रह चुके है । वे जाने -माने व्यक्ति है । बाणाड़ा के सगत सिंह कमांडेट के पद से सेवा निवृत हुए है । उनका पुत्र रघुवीरसिंह वर्तमान महारावल ब्रजराज सिंह के प्रसनल्ल सचिव के पद पर है । धायसर के अचल सिंह ने रावों को लाख पसाव का दान दिया ।
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